श्रीमद्भगवद्गीता, पवित्र बाइबिल एवं क़ुरआन मजीद अपने-अपने धर्मावलम्बियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और सर्वोपरि ग्रन्थ हैं, जो परमात्मा या उसके किसी दूत द्वारा दिए गए सन्देशों के संकलन हैं l यह पुस्तक ‘ईश वाणी’ इन तीनों ग्रन्थों का सार सामान्य, जन जन की भाषा में, प्रस्तुत करने का एक प्रयास है जिसका उद्देश्य लोगों तक इन तीनों ग्रन्थों का सन्देश यथावत लेकिन सरल और संक्षिप्त रूप में पहुँचाना है ताकि वे स्वयं इन ग्रन्थों के सन्देशों को आसानी से समझ सकें l सुनी-सुनाई बातों की अपेक्षा स्व-अर्जित ज्ञान अधिक विश्वसनीय और भीतर तक उतरने वाला होता है l ईश वाणी इन ग्रन्थो के मूल भावार्थ को बिना कोई छेड़-छाड़ किए काव्यात्मक धारा प्रवाह में सरसता और सहजता से पाठकों तक पहुंचाने का एक प्रयत्न है l
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